मोना पार्थसारथी
नयी दिल्ली, छह नवंबर : भाषा : भारतीय हाकी टीम के नये कप्तान सरदार सिंह ने स्वीकार किया कि लंदन ओलंपिक में मिली नाकामी से खिलाड़ियों का मनोबल पस्त है और चैम्पियंस ट्राफी से पहले उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती इससे उबरने की होगी।लंदन ओलंपिक में सारे मैच हारकर भारतीय टीम 12वें स्थान पर रही थी।इसके बाद हाकी इंडिया ने कप्तान भरत छेत्री, फारवर्ड शिवेंद्र सिंह, तुषार खांडेकर और ड्रैग फ्लिकर संदीप सिंह जैसे सीनियर खिलाड़ियों को आराम देकर आस्ट्रेलिया में इस महीने होने वाली सुपर सीरिज और एक से नौ दिसंबर तक होने वाली चैम्पियंस ट्राफी के लिये युवाओं को टीम में मौका दिया है।लंदन ओलंपिक के बाद यह भारतीय टीम का पहला टूर्नामेंट होगा।स्टार मिडफील्डर सरदार ने पटियाला से भाषा से कहा ,‘‘ओलंपिक के बाद खिलाड़ियों का हौसला टूटा है।अभी तक हम उस नाकामी को भूल नहीं पाये हैं लेकिन हमें आगे तो बढना होगा। बतौर कप्तान मेरे लिये खिलाड़ियों का मनोबल बढाना बड़ी चुनौती है और मुझे यकीन है कि हम कामयाब होंगे।’’ उन्होंने टीम में युवाओं को मौका दिये जाने के फैसले को सही बताते हुए कहा ,‘‘ ये सभी युवा खिलाड़ी लगातार शिविर में भाग ले रहे थे। उन्हें आजमाने का यह सही मौका है। उम्मीद है कि वे अच्छा प्रदर्शन करके टीम में जगह पक्की करने की कोशिश करेंगे।’’ सरदार ने यह भी कहा कि भारतीय टीम को सीनियर खिलाड़ियों की कमी खलेगी। उन्होंने कहा ,‘‘ चैम्पियंस ट्राफी ओलंपिक और विश्व कप के बाद सबसे बड़ा हाकी टूर्नामेंट है।इसमें अनुभव बहुत मायने रखता है लेकिन अगर इसके सकारात्मक पहलू को देखें तो युवाओं के लिये खुद को साबित करने का यह सर्वश्रेष्ठ मंच है।’’ चैम्पियंस ट्राफी और सुपर सीरिज की तैयारी के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि ओलंपिक के वीडियो देखकर अपनी गलतियां सुधारने का प्रयास किया जा रहा है।उन्होंने कहा ,‘‘ हमारे वीडियो सत्र शुरू हो गए हैं।हम वीडियो विश्लेषण में अपनी गलतियां पता करके उन्हें दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा लगातार अ5यास मैच भी खेल रहे हैं।चैम्पियंस ट्राफी में सामना कठिन टीमों से है और हम मैच दर मैच रणनीति बनायेंगे।’’ संपादकीय सहयोग - अतनु दास